क्विक कॉमर्स का बूम भारत में काफी तेजी से फैल रहा है। Quick-Commerce एक ऐसा खरीदारी का तरीका है, जिसमें आप घर से ही मोबाइल के द्वारा फल सब्जिया या अन्य रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स को 10 से 20 मिनट के अंदर मंगा सकते हैं। भारत में आज के समय Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart जैसी कम्पनियाँ इस सेक्टर में काम कर रही है।
2025 में इस इंडस्ट्री का मार्केट साइज 64000 करोड रुपए है और 2030 तक यह 2 लाख करोड़ से भी ऊपर जा सकती है। क्विक कॉमर्स के आने के बाद बहुत सारे फायदे और नुकसान भी हैं लेकिन MSMEs यानी छोटे कारोबार वाले को भी इसका फायदा मिल रहा है. जो पहले छोटे ब्रांड या प्रोडक्ट होते थे वह सिर्फ एक मोहल्ले तक ही सीमित है लेकिन अब इन एप्स के जरिए पूरे शहर में आसानी से पहुंच जाते हैं।
Quick-Commerce बिज़नेस कैसे काम करता है ?
इस बिजनेस में होता यह है कि जो यह qiuck कॉमर्स की कंपनियां है, वह जिन शहरों में अपनी सर्विस से देनी होती है वहां पर डार्क स्टोर खोल देते हैं यानी कि छोटे गोदान जहां से सामान तुरंत डिलीवरी होता है। इन डार्क स्टोर में रोजाना इस्तेमाल होने वाली सभी जरुरी सामान होता है। जब भी कोई आर्डर करता है तुरंत पास के डार्क स्टोर से पैक करके डिलीवर करने के लिए भेज दिया जाता है।
टियर-2, टियर-3 शहरों में एंट्री की प्लानिंग
क्विक कॉमर्स अभी बड़े शहरों में ही काफी पॉपुलर है क्योंकि बड़े शहरों में लोगों के पास समय की कमी होती है जिसके कारण यह बिजनेस काफी चलता है। लेकिन अब यह कंपनियां टियर-2, टियर-3 सिटी में भी अपना बिजनेस बढ़ाने की सोच रही है।
छोटे कारोबारियों और रिटेलर्स को इससे क्या सीखना चाहिए
जो भी छोटे कारोबारी है या जिनका कोई प्रोडक्ट है, उन्हें इसे एक मौके की तरह देखना चाहिए। स्थानीय ब्रांड और छोटे कारोबारी को चाहिए कि वह इन एप्स के जरिए अपने प्रोडक्ट को पूरे शहर और कस्बे तक पहुंचाएं।
MSME के लिए चुनौतियाँ
क्विक कॉमर्स के आ जाने के बाद MSMEs के लिए बहुत चुनौतियां भी आई है। क्योंकि जो भी शहर के छोटे कारोबारी होते थे उनका ज्यादातर प्रोडक्ट किराना की दुकानों पर बिकता था लेकिन Quick-Commerce के आ जाने के बाद छोटे किराना स्टोर की सेल 10 से 60% तक कम हुई है। जिससे शहर के छोटे कारोबारी के बिज़नेस पर भी असर देखने को मिलेगा। इन कारोबारियों को चाहिए कि वे इन एप्प्स से जुड़े। इन अप्प्स को दुश्मन की तरह नहीं बल्कि एक पार्टनर की तरह देखें। किराना स्टोर को चाहिए कि वह डिजिटल बदलाव को अपनाये। किराना स्टोर को डिजिटल बदलाव की जरूरत की आवश्यकता है। किराना दुकानों का चाहिए अपना ऑर्डर व्हाट्सएप के जरिए भेजे औरलोकल डिलीवरी और ONDC जैसे प्लेटफार्म से भी जुड़े और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं।

Gaurav Maurya is a passionate business blogger and founder of Bizigoo. With 2 years of blogging experience, he helps aspiring entrepreneurs discover small business ideas, understand market trends, and take the first step toward entrepreneurship.


