Two friends from Assam earned Rs 20 lakh by making paper from water hyacinth

कैसे असम के दो दोस्तों ने जल हायसिंथ से पेपर बनाकर 20 लाख रुपये कमाए?

मिलिए असम के दो दोस्तों से, जिन्होंने एक बड़ी समस्या को अवसर में बदल दिया। रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर ने असम में होने वाला एक आक्रामक पौधा , हायसिंथ से रासायनिक मुक्त पेपर बना डाला और इससे 20 लाख रुपये भी कमा लिए।

जल हायसिंथ ऐसा नुकसान देने वाला पौधा होता है जो जल जीवन को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन असम के युवा रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर ने इस पौधे से न केवल पेपर बनाने के बारे में सोचा बल्कि एक सफल बिज़नेस भी बन डाला।

कुम्भी कागज” की शुरुआत

यह पौधा जल जीवन के लिए एक बड़ी समस्या है, लेकिन रूपांकर और अनिकेत ने इसे समस्या के बजाय एक अवसर के रूप में देखा। आपको बता दे की रूपांकर एक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर चुके थे, उन्होंने जल हायसिंथ पौधे के बारे में जब रिसर्च किया तो जाना की इस पौधे में 85% से ज्यादा सेलुलोज़ और हेमीसेलुलोज़ की मात्रा पायी जाती है। इसके बाद उनके दिमाग में इससे कागज बनाने का आइडिया आया, जिसके बाद ‘कुम्भी कागज‘ का शुरूआत हुआ।

इको-फ्रेंडली पेपर

जो आज के समय में पेपर बनाने का पारंपरिक तरीका है, उसमे रसायन का इस्तेमाल किया जाता है और इस प्रकार से पेपर बनाने में 15-20 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है।

जबकि रूपांकर और अनिकेत जिस तरिके से पेपर बनाते है, उसमे किसी भी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जो पूरी तरह से पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। इस प्रकार का पेपर बनाने के लिए जल हायसिंथ के पत्तों और तनों का इस्तेमाल किया।

20 लाख की कमाई और बिज़नेस में पाई सफलता

इन दोनों दोस्तों का यह छोटा स्टार्टअप ने हायसिंथ से बने कुम्भी कागज के बारे में लोगो को बताया जिसके बाद काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। 2023 के अंत में इन्होने अपनी ऑनलाइन दूकान शुरू किया। जिसके बाद इन्होने जल हायसिंथ से 92 टन पेपर बनाया और 20 लाख की कमाई की।

इनके इस सफ़र में कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। 2024 में इन्हे कुछ मशीनी गड़बड़ी के कारण, बिज़नेस के लिए अहम् सीजन मिस करना पड़ा। लेकिन इन्होने साहस दिखाया और 2025 में दूसरे जगह पर फक्ट्री शुरू किया। आज ये खुद भी कमा रहे है और स्थानीय लोगो को भी रोजगार दे रहे है।

आगे की योजना क्या है ?

रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर का स्टार्टअप आज इतना फ़ैल चूका है की प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी “मन की बात” में इनके बारे में जिक्र किया। अब इसके स्टार्टअप को पुरे देश भर में एक पहचान मिल रही है।

रूपांकर और अनिकेत अपने इस स्टार्टअप को और भी बड़ा करने की योजना बना रहे है, जिसमे वे अभी रोजाना 40,000 शीट्स बनाते है, जिसमे हर शीट की कीमत ₹15 है, लेकिन वे चाहते है की इसे ₹1 तक लाया जाए।

source link


MBA छोड़ा, मखाना पकड़ा: बिहार के श्रवण रॉय ने मखाना से बनाई 1.5 करोड़ की कंपनी! (MBA Makhana Wala)


Scroll to Top